डॉ. कुमार विश्वास की नई मुक्तक, नई कविताएँ| All latest Poetry of Dr. Kumar Vishwas
वर्तमान में हिंदी के सबसे लोकप्रिय व महंगे कवि, दुनिया भर के कविता प्रेमियो के प्यार,यारो के यार और आप सब के चहेते, शब्दों के आकाश... डॉ. कुमार विश्वास की सबसे लोकप्रिय व नई मुक्तक/शायरी... All latest Muktak of Dr. Kumar Vishwas...2017 Top 15 Best and latest Muktak of Dr. Kumar Vishwas हर एक कपड़े का टुकड़ा माँ का आँचल हो नही सकता जिसे दुनिया को पाना है वो पागल हो नही सकता जफ़ाओं की कहानी जब तलक उसमे न शामिल हो वफ़ाओ का कोई किस्सा मुकम्मल हो नही सकता||1|| सियासत में तेरा खोया या पाया हो नही सकता तेरी शर्तों पर गायब या नुमाया हो नही सकता भले साज़िश से गहरे दफ़्न मुझको कर भी दो पर मैं सृजन का बीज हूँ मिट्टी में ज़ाया हो नही सकता||2|| अधूरी इक कहानी के किसी किरदार जैसे हैं जहाँ खबरे दबावो में है उस अख़बार जैसे हैं हमें दुनिया ने तो दिल के चुनावो में जीताया है गवर्नर के यहाँ बंधक मगर सरकार जैसे हैं||3|| ग़मों को आबरू अपनी ख़ुशी को गम समझते हैं जिन्हें कोई नही समझा उन्हें बस हम समझते हैं कशिश जिन्दा है अपनी चाहतो में जानेजां क्यूंकि हमें तुम कम समझते हो, तुम